पंजाब की प्रसिद्ध फुलकारी कला को महिलाओं ने संजो रखा है. CII Chandigarh मेले ने फुलकारी के पारंपरिक शिल्प को जगह दी, जो पंजाब की कढ़ाई तकनीक है जिसने दुनिया भर में पहचान बनाई है. यह मेला इस कला की चैंपियन महिला उद्यमियों के लिए मंच बन गया, जिन्होंने फुलकारी के संरक्षण और प्रचार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है.
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फुलकारी कला को संरक्षित कर रहीं महिलाएं
'पटियाला हस्तशिल्प' का मिशन इस कला को महिला सशक्तिकरण (women empowerment) का ज़रिया बनाना है. पटियाला की रेखा मान द्वारा स्थापित, यह सिर्फ एक व्यवसाय नहीं है; यह सशक्तिकरण का प्रतीक है. फुलकारी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित, रेखा मान ग्रामीण महिलाओं के उत्थान के प्रति समर्पित रही हैं. उन्होंने 2500 महिलाओं को रोजगार प्रदान किया है और बैंक खाते की सुविधा शुरू की है, जिससे वे अपना रोज़गार शुरू करने में सक्षम हुई हैं. प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं के ज़रिये, रेखा आधुनिक दुनिया में फुलकारी की विरासत को बढ़ा रही है.
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पटियाला की रहने वाली और 'पंजाब औद्योगिक विभाग' का प्रतिनिधित्व करने वाली सीमा रानी ने अपनी मां से यह कला सीखी. सीमा रानी शारीरिक रूप से अक्षम हैं. फिर भी, NHDFC के समर्थन से, उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण लिया. सूट, दुपट्टा, साड़ी, कुशन कवर, रनर और मेज़पोश सहित वह जो उत्पाद प्रदर्शित करती है, वह उनके हुनर का प्रमाण है.
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स्वयं सहायता समूह के ज़रिये मिल रहा फुलकारी कला को बढ़ावा
वह हस्तनिर्मित और मशीन-निर्मित दोनों तरह की फुलकारियां पेश करती है. मेले से परे, वह फुलकारी (Phulkari art) की समावेशिता और पहुंच को बढ़ने की लिए लालरू, चंडीगढ़ में स्वयं सहायता समूह (Chandigarh Self Help Groups) चलाती हैं.
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CII चंडीगढ़ मेला 2023 में प्रकार, डिजाइन और उत्पादों की वाइड रेंज देखने को मिली- चंदेरी रेशम की फुलकारियों से लेकर कोटा डोरिया और जॉर्जेट तक, विज़िटर्स को कई तरह के प्रोडक्ट्स देखने को मिले. मेले में पोटली बैग, पाखी पंखे, नैपकिन कवर, जूती, सूट, दुपट्टे, बेडशीट, मोबाइल कवर, कीचेन, कुर्तियां, साड़ी और कुशन कवर सहित कई फुलकारी वस्तुएं प्रदर्शित की गईं.
CII चंडीगढ़ मेले 2023 ने ग्राहकों और कारीगरों की बीच दूरी को कम किया, महिलाओं को आमदनी कमाने का अवसर दिया, और पारम्परिक कला के संरक्षण की ज़रुरत को बढ़ावा दिया.